Difference between Bacteria and virus - hindi factography

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Monday, 6 July 2020

Difference between Bacteria and virus

DIFFERENCE BETWEEN BAACTERIA AND VIRUS

क्या होता है जब बैक्टीरिया या फिर वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है  EPISODE 01

क्या आप जानते है अपने जिंदगी के हर सेकंड आप अरबो खरबों बैक्टीरिया से घिरे रहते हो जिस समय आप मेरा पोस्ट पढ़ रहे हो इस समय भी आप खरबों बैक्टीरिया से घिरे हुए हो `वायरस तो कभी कभी आता है लेकिन बैक्टीरिया से आप हर सेकंड हर वक्त घिरे रहते हो लेकिन अच्छी बात ये है की आपके शरीर का इम्म्युन सिस्टम है न  वो बैक्टीरिया का बाप है इसीलिए इतने सारे बैक्टीरिया से घिरे रहने के बावजूद भी आपके शरीर को कुछ नही होता हैं आप लोग सोचिये एक ब्यूटीफुल सा दिन चल रहा है और आप अचानक से एक ब्लेड से अपने हाथ को काट लेते हो जैसे आपका स्किन कटा सामने रहने वाले बैक्टीरिया एक मौका मिल जाता है की वो चुपके से आपके शरीर में चले जाये वो आपके शरीर में जाके शरीर के रीसोर्सेस को इस्तमाल करके हर 20 मिनेट में डबल होने लगते है 100 बैक्टीरिया 200 बन जाता है 200बैक्टीरिया 400 और ऐसे करते जब बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा हो जाती है और वो आपके शरीर को नुकसान पहुचाने लगते है

                                                                       
Difference between Bacteria and virus,जनिए Bacteria और Virus में क्या होता है
bacteria or virus 


गाड सेल्स हमारे शरीर को कैसे प्रोटेक्ट करते है

आपकी बॉडी का गाड सेल्स जिसे MACROPHAGES भी कहते है वो सामने आते है और ये MACROPHAGES मैसेंजेर्स के जरिये इस जंग के मैदान में और पानी मांगते है ताकि वो अच्छे से मूव करके बैक्टीरिया से लड़ पाए ब्लेड से कटने के बाद आपके हाथ में जो खून के बाद पानी टाइप का जो सफ़ेद रंग का जो निकलते हुए देखते हो आप वो यही पानी होता है जो की MACROPHAGES आर्डर करता है बैक्टीरिया से लड़ने के लिए जंग के मैदान में मंगवाता हैं और ये आपके शरीर में पानी की जरुरत को भी दर्शाता है जब ये MACROPHAGES बोहत देरी तक फाइट करते है जब ज्यादा तर केसस में MACROPHAGES ही सबको मार देते है वो बैक्टीरिया को खाकर उनका खात्मा कर देते है पर अगर इन केस वो ये देखते है की वो अकेले नही लड़ पा रहे है और ये एक istrong बैक्टीरिया है तब वो हेल्प मांगते है वो masanger प्रोटीन के जरिये बैकअप टीम को बुलाते है जिन्हें NEUTROPHILS कहते है 
                                                                                                                                                                              

Difference between Bacteria and virus,जनिए Bacteria और Virus में क्या होता है
bacteria or virus



 MACROPHAGES NEUTROPHILS टीम को  BATTLEFIELD में बुलाते है फिर MACROPHAGES और NEUTROPHILS दोनों मिलकर infaction side  से लड़ते है और तब इसी समय इम्म्युन सिस्टम शरीर का तापमान बढ़ाने लगता है और इसे ही बुखार कहते है जो आपका शरीर का टेम्प्रेचर बढ़ने लगता है न जिसे अपने कभी न कभी जरुर एक्सपीरियंस किया होगा तो आब आप जन लो कि जब आपका टेम्प्रेचर बढ़ता है तब आप ये जन लेना की आपके इम्म्युन सिस्टम का आर्मी बैक्टीरिया से लड़ रहा हैं टेम्प्रेचर बढ़ना असल में जरुरी है बुखार असल में बैक्टीरिया को मारने  के काम में आता है अगर शरीर का तापमान गरम है और ये MACROPHAGES और NEUTROPHILS दोनों मिलकर लड़ रहे है बैक्टीरिया से अगर ये MACROPHAGESऔर NEUTROPHILS दोनों मिलकर बैक्टीरिया को मर दिए तब तो ठीक है पर अगर ये दोनों मिलकर भी बैक्टीरिया को नहीं मार पाए तब ये दोनों मिलकर आखिर में इम्म्युन सिस्टम का हेड जिसे DENDRITIC CELL भी कहते है उससे हेल्प मांगते है तब ये DENDRITIC CELL जब सिचुएसन को देखता है तब उसे भी लगता है की अब उसे ब्रह्म्मास्त्र चलाना पड़ेगा | DENDRITIC CELL ये सोचते है की अब T CELL आर्मी को बुला लेना चाहिए तब वो DENDRITIC CELL उस बैक्टीरिया के डिटेल्स को अपने बोर्डर पर लादकर खुद ट्रेवल करते है बॉडी के LIMF NODE में जो की एक जगह होती है और वहा पर T CELL की आर्मी सारी कहानी बताती है और उस बैक्टीरिया के बारे में जो डिटेल्स लोड करके DENDRITIC CELL ले आया था उसको उतार कर दिखाती है 

                                                             
Difference between Bacteria and virus,जनिए Bacteria और Virus में क्या होता है
DENDRITIC CELLS




कि ये खतरनाक बैक्टीरिया हमारे देश में आ चूका है इनके लिए हमारे देश  मतलब आपका शरीर फिर उसी जगह पर T CELL की ट्रेनिंग होती है और हजार में से कुछ दमदार T CELL ट्रेनिंग को पर कर पते है और जो T CELL ट्रेनिंग को पर करते है वो इन्फेक्शन साइड की ओर आगे बढ़ते है और बाकी T CELLS  बेकार हो जाते है क्योकि वो ट्रेनिंग में फेल हो जाते है जो T CELLS क्वालीफाई करते है वो अपने आप को करोड़ो की संख्या में डुप्लीकेट करने लगते है और इनमे से कुछ मेमोरी T CELLS बन जाते है मेमोरी T CELLS मतलब वो इन्फेक्शन साइड पर लड़ने के लिए नही जाते बल्कि उस बैक्टीरिया के डिटेल्स को हमेशा बॉडी में रखते है और इसी के चलते ये होता है कि अगर वाही फ्यूचर में जब आपके शरीर के अन्दर घुसता है तो वो दूसरी बार आपके शरीर को कुछ भी इफेक्ट नही कर पायेगा और इसलिए अपने ये भी सुना होगा किसी को एक बार चिकेन पोक्स हो जाता है तो फिर दुबारा नही होता आप लोगो ने सुना है न आपकी बॉडी इम्युनिटी डेवलप कर लेती है तो इम्युनिटी डेवलप मतलब यही होता है मेमोरी T CELLS जो आपके शरीर में रह जाते है उस बैक्टीरिया के डीटेल को रोकार्ड करने के बाद तो मेमोरी T CELLS की बात हटाते है उसके बाद क्या होता है सुनो बाकी नार्मल T CELLS जो कि इन्फेक्शन साइड की ओर BATTLEFIELD की और जाते है वो बीच रास्ते में B CELLS की ओर जाते है जो अपने आप में हतियार की फैक्ट्री होती है और ये हतियार की फैक्ट्री B CELL जो होती है T CELLS की सलाह के बाद वो भी अपने आप को करोड़ो में मल्टीप्लाई करने लगती है तो वो T CELL और B CELL दोनों मिलकर BATTLEFIELD की तरफ जाते है और वहा जाकर B CELL जो है वो अपने अन्दर WEAPON FACTORY में लाखो WEAPONS तैयार करते है और बैक्टीरिया की तरफ भेज देते है और क्या आप जानते है ये WEAPON या फिर ये हतियार का मतलब क्या है जो B CELLS PRODUCE करती है उस WEAPON का नाम है ANTIBODIES ANTIBODIES की बाड़ आ जाती है जो कि B CELLS लगातार PRODUCE कर रही होती है 
Difference between Bacteria and virus,जनिए Bacteria और Virus में क्या होता है
ANTIBODIES 

और इधर T CELLS की आर्मी भी लड़ रही होती है और उधर MACROPHAGES भी लड़ रहे होते है और उधर से NEUTROPHILES भी लड़ रहे होते है तो फिर धीरे धीरे अच्छे TEAMWORK और TEAMAFERD के चलते लड़ाई IMMUNESYSTEM के खाते में आ जाती है और BACTERIAS धीरे धीरे मरने लगते है और इन्फेक्शन ख़तम हो जाता है और फाइनली IMMUNSYSTEM जीत जाता है जब सारे बक्ट्रिया मर जाते है सब कुछ नार्मल हो जाता है तब ये IMMUNN CELLS जैसे MICROPHAGES ,NEUTROPHILS ,T CELLS और B CELLS अब USELESS हो जाते है और कोई काम के नहीं होते इसलिए एनर्जी वेस्ट न हो इनको जिन्दा रखने में ओर अब तो बैक्टीरिया नहीं है तो बिना किसी बैक्टीरिया के ही वो एनर्जी की खपत न करे एनर्जी को यूज़ न करे इसलिए वो हिरोस अपने आप को ख़त्म कर देते  है ताकि  बॉडी  के रिसोर्सेज और एनर्जी इन् सेल्स को जिन्दा रखने में न वेस्ट हो क्योकि उए तो अपना काम कर चुके है इसलिए वो अपने आप को SELF DESTRUCT कर देते है और फिर सब कुछ नार्मल हो जाता है पर जो MEMORY T CELL जो की बॉडी में रुके हुए थे आप को याद तो है न वो हमेशा रहते है बॉडी में जब तक आप जिन्दा हो ताब अगर फ्यूचर में कभी वही बैक्टीरिया का ग्रुप आपके बॉडी में घुसने की कोशिस करता है तब वो बॉडी के अन्दर आये उसके पहले ही ये मेमोरी T CELLS बाकी T CELLS को डायरेक्टली भेज देते है उसको मारने क्योकि मेमोरी T CELLS को ये पता होता है कि ये तो वही भाईसाहब के खानदान से आये है जो पहले आये थे मेमोरी T CELLS उस बैक्टीरिया को मिनटों में IDENTIFY कर लेता है इस लिए तुरंत ही उस बैक्टीरिया पर अटैक करने लगता है T CELLS के जरिये और इसी चीस को किसी बीमारी के प्रति इम्मुन होना भी कहते हैं और अगर कोई नया बैक्टीरिया आया तब ये पूरी कहानी फिर से रिपीट होती है ये जो मी आपको बताया ना इतना कुछ ये सब मैंने आपको बोहत SIMPLYFY करके बताया असल में IMMUNSYSTEM में MACROPHAGES जनरेटिक CELLS ,T CELLS ,B CELLS या फिर जिनके बारे में मैंने आपको बताया इतने ही SOLDIERS नहीं होते बल्कि हजारो तरह के सोल्जर होते है और ये बोहत ही COMPLICATED नेटवर्क से कनेक्टेड रहते है और इनका बोहत ही काम्प्लेक्स नेटवर्क होता है पर मैंने आपको पूरा जनरल सा मैप का आईडिया दे दिया IMMUNSYSTEM का बाकी आप उसके हर एक चीस को समझोगेना तो आपको बोहत सालो लग जायेंगे शरीर का सिस्टम कितना ओसम है न पर जैसा मैंने आपको पहले कहा था की आपके मन में जो सवाल आ रहा होगा की अगर इंसानी शरीर वाएरस और बैक्टीरिया से लड़ने में इतना ही अफेक्टिव है तो इतने लोग मरते क्यों है दुनिया भर में तो इसका वही सिंपल ANSWER है जो मैंने आपको बोला वही कि जिसका IMMUNSYSTEM कमजोर होता है उसमे ये सब चिसे ठीक से नहीं हो पाती है जो अपने अभी पढ़ा न वो ठीक से नहीं हो पाता है IMMUNSYSTEM विक होने पर या तो चिसे उल्टी सीधी होने लगती है या तो फिर वो ठीक से प्रोपर तरीके से काम नहीं करती आब AUTOIMMUNE DISEASES का ही EXAMPLE लेलो जैसे RHEUMATOID ARTHRITIS या फिर TYPE 1 DIABETES इन बीमारियों में ये होता है न की बॉडी का IMMUNSYSTEM किसी बाहरी एजेंट के बदले अपने ही HEALTHY CELLS को ही मरने लगता है आब आप ही सोचो अगर करोडो लोगो को AUTOIMMUNE DISEASES है जैसे ARTHRITIS, TYPE 1 DIABETES और उनके शरीर में उनका IMMUNSYSTEM HEALTHY CELLS को ही मारने लगता है उन् पर ही अटैक करने लगता है और HEALTHY CELLS को ही मारने में ही बिजी रहता है तो उनका IMMUNSYSTEM बाहरी एजेंट से कैसे लडेगा जनरली जो ओल्डर एज के लोग होते है ज्यादा एज वाले उनमे ये ज्यादा पाया जाता है सनलाइट आपके T CELLS को ENERGIES करता है आप अपने घर के बालकोनी में बैठ कर सनलाइट को एन्जॉय कर सकते हो जितना आप POLLUTION से दूर रहोगे जितना कम इस्ट्रेस लोगे जितना आप नेगेटिव चिसो से दूर रहोगे जितना आप नेचर के करीब रहोगे HEALTHY LIFESTYLE जियोगे एक्स्ट्रा एक्सरसाइज करोगे उतना ही आपका IMMUNSYSTEM ISTRONGE रहेगा और सबसे इम्पोर्टेंट है खुस रहना बहार से नहीं सबको दिखाने के लिए नहीं बल्कि एक्चुअल में इनर HAPPYNESS अन्दर से खुस रहना बोहत सारे रिसर्च में ये पाया गया है की खुस रहना भी बोहत एफेक्टिव साबित हो सकता है इस्सलिये ऑलवेज बे हैप्पी और हैप्पी रहने के साथ साथ HEALTHY LIFESTYLE को भी FOLLOW करना मत भूलना 




इस post में मैंने आपको बताया कि हमारी body के cells हमारे शरीर को कैसे प्रोटेक्ट करते है तथा मैंने आपको बताया कि Difference between Bacteria and virus.

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