NASA vs ISRO
दोस्तों वैसे
तो अंतरिक्ष से जुडी कई साडी चिसे हमारे पौराणिक ग्रंथो में बताई गई है लेकिन फिर
भी हमारी स्पेस नॉलेज एक अलग ही लेवल पर पहुँच चुकी है आज हम इन्सान स्पेस में
बोहत दूर तक देख सकते है न जाने हमारी बने हुई कितनी ही सैटेलाइट्स पृथ्वी के
चक्कर कट रही है और हम न जाने फ्यूचर में कितने सारे ग्रहों कि सैर करने वाले है और
इन सब का कारन जानते है क्या है वेल इनका कारन है हमारे वैज्ञानिको कि कड़ी महनत और
लगन वैसे तो आज दुनिया भर में बोहत साडी स्पेस अजेंसिस है लेकिन जब हम बात करते है
स्पेस अजेंसिस की तो हमारे जुबान पर दो ही नाम आता है पहला नाम होता है NASA का और दूसरा isro का तो आज के इस
ब्लॉग में मैं आपके लिए इन्ही दोनों फेमस स्पेस अजेंसिस की exclusive comparison
करने वाला हु और साथ ही हम जानेंगे इनकी history ,past missions ,corrent status
or future programs के बारे मे तो हेल्लो गाइस मेरा नाम है सुशांत और चलिए सुरु
करते है आज के इस नए ब्लॉग को |
NASA vs ISRO
NASA
biography in hindi
दोस्तों NASA
यानि कि (the National Aeronautics
and space Administration) ये यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेररिका कि स्पेस
एजेंसी है इसकी स्थापना 29 JULY 1958 में हुई थी | 03 MARCH 1915 को अमेरिका में (NATIONAL ADVISORY
COMMITTEE FOR AERONAUTICS) यानि कि NACA को स्तेब्लाईज किया गया था
| इसका सीधा सा काम था यूनाइटेड स्टेट में
एयरोनॉटिकल और स्पेस से रिलेटेड रिसर्च को इनकरेज करना | NACA ने कुछ राकेट
प्लेन्स बनाये थे और एक ARTIFICIAL SATELLITE बनाने की तैयारी भी कर रही थी पर
october 1957 में जब रसिया ने अपनी पहली
आर्टिफीसियल सॅटॅलाइट sputnik -1 को सक्सेस फूली स्पेस में भेज दिया तो पुरे
अमेरिका में सनसनी मच गई अमेरिकन गवर्मेंट को लगा कि ये उनकी नेशनल सिक्यूरिटी के
लिए खतरा हो सकता है और वो टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट की फील्ड में रसिया से पीछे
छुट सकते है 12 january 1958 को अमेरिकन प्रसीडेंट dwight D . eisenhower ने अपने
एडवांइसर के साथ एक मीटिंग की और सिर्फ 2 दिन बाद 14 january 1958 को NACA के
डायेरेक्टर hugh dryden ने स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए एक नए नेशनल रिसर्च प्रोग्राम
को सुरु करने का ऐलान किया और इसके फलस्वरूप 29 JULY 1958 को NASA कि
स्थापना हुई उस समय के अमेरिकन प्रसीडेंट dwight D.eisenhower को NASA का फाउंडर
कहा जाता है आज NASA का HEADQUARTER अमेरिका की राजधानी washington dc में स्थित
है और इसके करेंट अड्मिनिस्ट्र है |
NASA |
NASA vs ISRO
ISRO biography
in hindi
ISRO यानि
(Indian Space Research Organisation ) हमारे देश भारत कि स्पेस एजेंसी है इसरो की
स्थापना नासा की स्थापना के 11 साल बाद 15 august 1969 में हुई थी उस दिन भारत
अपना बाईसवा इंडिपेंडेंस डे मना रहा था | साल 1962 भारत के महान साइंटिस्ट डॉ
विक्रम साराभाई के कहने पर उस समय के प्राइममिनिस्टर पंडित जवाहरलाल नेहरु ने
Inian National Committee For Space Research यानि की INCOSPAR को स्तेब्लाईज किया
था इसका मकसद भारत में स्पेस रिसर्च के लिए एक प्लेटफार्म बनाना था और 1969 में
इसको ही इस्पेंड करते हुए ISRO को स्तेब्लाईज कर दिया गया डॉ विक्रम साराभाई को ही
ISRO का फाउंडर मन जाता है आज ISRO का HEADQUARTER कर्नाटका के बेंगलुरु में स्थित
है और इसके HEAD Kailasavadivoo Sivan सर है |
NASA vs ISRO Staffs Comparison
साल 2020 के
डेटा के अनुसार NASA में अभी टोटल 17373 Staffs काम करते है और वाही ISRO में
17222 लोग काम करते है और ये सारे लोग isro में जो काम करते है न वो केवल भारत के
ही रहने वालें है यानि कि सारे के सारे लोग भारत के ही रहने वाले है पर नासा में
एसा नहीं है यहाँ पर अलग अलग देशो के लोग काम करते है और उनमे भारत के लोग भी सामिल है कई रिपोर्ट्स क्लेम करती है कि
नासा में 33 % साइंटिस्ट भारत के ही है
लेकिन नासा के ओफिसियल डेटा के अनुसार नासा के टोटल 3%साइंटिस्ट ही इंडियन है
कलपना चावला ,सुनीता विलियम,अस्विन वासावड़ा और सर्मिला भट्टाचार्या जैसे फेमस
भारतीय नासा में या तो काम कर चुके है या फिर काम कर रहे है नासा का ऑफिसियल मोटो
है “FOR THE BENEFIT FOR ALL” यानि कि हर व्यक्ति के फायेदे के लिए नासा के
मोस्टली प्रोजेक्ट अंतरिछ में दूर दूर के ग्रहों और चंद्रमाओ कि खोज और उनके बारे
में जानकारी ईखटा करने पर बेस्ड होते है वाही isro का मोटो है “harness space technology for national development while
pursuing space science research & planetary exploration” मतलब
प्लैनेट्स के एक्सप्लोरेशन और स्पेस के रिसर्च करते हुए देश के विकाश के लिए स्पेस
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना isro अभी नासा कि तरह दूर दूर के प्लैनेट्स पर फोकस
नही कर रहा है बल्कि इसका फोकस ऐसे स्पेस टेक्नोलॉजी डेवलप करने पर है जो भारत और
इसके आस पास के देशो को हेल्पफुल हो लाइक वेदर फोरकास्टिंग और कम्युनिकेशन
सॅटॅलाइट को डेवलप करना |
NASA STAFFS |
NASA vs ISRO annual budget
चलिए आब बात
करते है दोनों ही स्पेस एजेंसीस के बजट की नासा और इसरो के एनुअल बजट में जमीन
आसमान का अंतर है 2020 के आकड़ो के अनुसार नासा का annual budget 2260 crore us
dollars है ये यूनाइटेड स्टेटे के टोटल बजट का 0.48% है वही इसरो का annual budget
190 crore us dollars है यानि कि 13479 crore भारतीय रुपये है ये भारत के टोटल बजट
का 0.5% के करीब है मतलब हम भी अपने टोटल बजट के अनुसार स्पेस रिसर्च में अमेरिका
जितना ही स्पेंड करते है यहाँ एक चीस आपको जरुर जान लेनी चाहिए वो ये कि नासा अपनी
मोस्टली टेक्नोलॉजी को डेवलप नहीं करता बल्कि वो दुसरे स्पेस एजेंसीस और प्राइवेट
कम्पनीज से खरीद लेती है वो कई बार अपने प्रोजेक्ट्स को दुसरे स्पेस एजेंसीस के
साथ कोलाबोरेट करके करना पसंद करती है लेकिन इसरो अपनी ज्यदातर जरूरते खुद ही पूरा
करती है हाला कि कई चिसो के लिए अभी भी हम दुसरे देशो पर निर्भर है
NASA vs ISRO successful missions
नासा ने अपनी
पहली सॅटॅलाइट 31 january 1958 को लौंच की थी जिसका नाम था Explorer-1 जबकि इसरो
ने अपनी पहली सॅटॅलाइट आर्यभट्ट को 19 april 1975 को रसिया कि मदद से लौंच की थी |
बात करे मून मिशंस की तो ना का पहला सक्सेसफुल मून मिशन था Ranger-4 जो साल 1962 में मून पर लैंड हुआ था 20 july 1969 को नासा
के अपोलो 11 मिशन के साथ अमेरिका के नील आम्स्त्रोंग मून पर कदम रखने वाले पहले
इन्सान बन गए थे आज तक नासा कुल 12 लोगो को चाँद पर भेज चुकी ही दूसरी तरफ इसरो ने
साल 2008 में चंद्रयान 1 को सक्सेसफुली
चाँद पर भेजा था हमने अपने पहेल ही प्रयोग में न केवल चाँद पर ऑर्बिटर भेजा था
बल्कि वहा पानी को भी खोज निकला था पिछले ही साल लौंच हुए चंद्रयान 2 मिशन को कौन
भूल सकता है ये एक पार्सियली सक्सेसफुली मिशन था हालाकि isro ने ना तो अभी किसी
इंसान को चाँद पर भेजा है और न ही एसा कुछ फ़िलहाल करने का इरादा है चाँद से अब आगे बड़ते है मार्स की ओर 05
november 1964 को नासा ने मैरिनर 3 स्पेस क्राफ्ट को मार्स की ओर भेजा था लेकिन
बदकिस्मती से ये मिशन सक्सेसफुल नही रहा पर नासा ने हर नही मानी और अगले ही साल 14
november 1965 को उनका मैरिनर 4 स्पेस
क्राफ्ट सक्सेसफुली मार्स पर जाने में कामयाब हो गया इसके बाद भी नासा ने Mars
Pathfinder ,Mars Insight और Curiosity rover जैसे स्पेस क्राफ्ट मार्स पर भेजे है
05 november 2013 को isro का मंगल यान 1 मार्स मिशन अपने पहले ही प्रयोग में मार्स
पर सक्सेसफुली लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला मिशन बन गया था | ये मिशन अपनी
कास्ट अफिसेंसी के लिए भी जना जाता है इस मिशन का बजट केवल 7.3 crore us dollars
था | जबकि नासा का पहला मार्स मिशन मैरिनर 4 मिशन का बजट 55 crore us dollars था
अगर हम नासा के सबसे लम्बे मिशंस की बात करे तो इसमें “Pioneer,Voyager-1,Voyager-2, Cassini
Huygens,Apollo,Hubble,Spitzer or Viking mission” आते है 05
september 1977 को लौंच हुआ वायेजर 1 स्पेस क्राफ्ट स्पेस में सबसे दूर तक जाने
वाला इन्सान का बनाया हुआ ऑब्जेक्ट है ये अभी धरती से करीब 2220 crore km से भी
ज्यादा दूर है निकल गया है isro के चंद्रयान ,मंगलयान और cartosat mission अभी तक
की सबसे सक्सेसफुल मिशंस में से गिने जाते है
VOYAGER-1 |
VOYAGER-2 |
NASA vs ISRO future missions
दोस्तों नासा
और इसरो के फ्यूचर मिशंस से पहले मैं आपको Nisar के बारे में बताना चाहता हु nisar
ये नासा और इसरो का एक जॉइंट मिशन है जिसमे दोनों देश एक earth ओब्जर्वेसन
सॅटॅलाइट पर dual frequency synthetic aperture rader लगाने कि प्लानिंग कर रहे है
ये पहली ऐसी रेडार इमेजिंग सॅटॅलाइट होगी जिसमे डुअल फ्रीक्वेंसी का यूज़ किया गया
है इसके इस्तेमाल रिमोट सेंसिंग और धरती कि अलग अलग नेचुरल प्रोसेस को ओब्जेर्व करने
के लिए होगा | दोस्तों नासा के फ्यूचर मिशंस कि बात करे तो इसकी लिस्ट काफी लम्बी
है युक्लिएद मिशन से नासा डार्क मेटर कि स्टडीज करने वाली है ,युरोपा क्लिपर मिशन
से जुपिटर के मून युरोपा पर लाइफ कंडीसन्स की तलाश होने वाली है ,phsyche मिशन में
नासा मार्स और जुपिटर के बिच में स्थित फेमस एस्टोरोइड 16 phsycheपर लैंडिंग करना चाहती है अगले पांच
सालो में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ,और दा नैन्सी ग्रेस रोमन टेलीस्कोप भी स्पेस
में जाने वाले है 22 july 2020 को नासा मार्स पर प्रेसर्वरेन्स रोवर भेजने वाली है
और साल 2024 तक एक बार फिर से चाँद पर जाने के प्लेन भी नासा बना चुकी है वाही बात
करे इसरो की तो इसरो का चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट मोस्ट अवेटेड है , आदित्य एल्वन मिशन
के जरिये हम सूरज पर स्टडी करने वाले है, साल 2021 में गगनयान मिशन के जरिये इसरो
और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि कि इंडियन एस्त्रोनोट्स को स्पेस में भेजने
की प्लेनिंग की है ,साल 2023 में लौंच के लिए तैयार सुक्रयान-1 में हम vinus पर
अपना ऑर्बिटर भेजने वाले है और साल 2024 में मंगलयान-2 मिशन भी तो होने वाला है
मतलब दोनों ही स्पेस एजेंसीज आने वाले दिनों में हमारे लिए काफी कुछ नए नए
एक्साइटिंग खोजे लाने वाली है इस पुरे comparison को सुनने के बाद आपके मन में भी
ये बाते तो जरुर आ रही होंगी कि हमारे देश कि स्पेस एजेंसी इसरो अभी नासा के
मुकाबले काफी पीछे है नासा ने स्पेस और एस्त्रोनोमी के फील्ड में जो कुछ भी अचीव
किया है वो इसरो के comparison में भले ही बोहत ज्यादा है लेकिन बेहद कम बजट बिना
एडवांस टेक्नोलॉजी और लिमिटेड इन्फ्रास्ट्रकचर के बावजूद इसरो ने भारत के लिए जो
अचीव किया है और हमारे देश के लिए और अपने आप के लिए स्पेस में अपना जो अलग स्थान
बनाया है एस एन इंडियन आपको इस पर गर्व तो होना ही चाहिए वैसे आप क्या सोचते है
क्या हमारे देश को स्पेस और अस्ट्रोनोमी के फील्ड और अधिक बजट स्पेंड करना चाहिए
हमें निचे कमेंट में लिखकर जरुर बताइयेगा |
NASA vs ISRO |
आशा करता हु कि आपको ये मेरा ब्लॉग NASA vs ISRO comparison which is better पसंद आया हो
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